स्टॉक (Stock) जिसे शेयर भी कहा जाता है एक प्रकार की वित्तीय संपत्ति होती है जो किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। जब आप किसी कंपनी के स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक हिस्से के मालिक बन जाते हैं और इसे शेयरधारक कहा जाता है। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे कि Stock kya hota hai, Stock meaning in hindi .
स्टॉक (Stock) कैसे बनाया जाता है?
स्टॉक (या शेयर) कंपनी में स्वामित्व का हिस्सा होता है और इसे विशेष प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है। यहाँ स्टॉक बनाने की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है:
1. कंपनी की स्थापना
- सबसे पहले, कोई व्यक्ति या समूह एक व्यवसाय शुरू करने के लिए एक कंपनी की स्थापना करता है।
- कंपनी की स्थापना के दौरान, मालिक शेयर पूंजी (capital) निर्धारित करते हैं, जो कि स्टॉक जारी करने का आधार होता है।
2. स्टॉक की आवंटन
- कंपनी की शेयर पूंजी को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें शेयर या स्टॉक कहा जाता है।
- उदाहरण के लिए, अगर कंपनी की कुल शेयर पूंजी ₹1,00,00,000 है और प्रत्येक शेयर का मूल्य ₹10 है, तो कंपनी के कुल 10,00,000 शेयर होंगे।
3. कंपनी का पंजीकरण और नियामक अनुमोदन
- कंपनी को देश के संबंधित नियामक निकाय, जैसे कि भारत में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है।
- नियामक निकाय कंपनी की वित्तीय स्थिति और अन्य विवरणों की जांच करता है और स्टॉक जारी करने की अनुमति प्रदान करता है।
4. प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO)
- कंपनी शेयर बाजार में पहली बार स्टॉक जारी करने के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की प्रक्रिया शुरू करती है।
- IPO के माध्यम से कंपनी अपने स्टॉक को सार्वजनिक निवेशकों को बेचती है।
- कंपनी एक निवेश बैंक के साथ मिलकर आईपीओ के लिए पेशकश मूल्य (offer price) और शेयरों की संख्या तय करती है।
5. स्टॉक का वितरण और सूचीकरण
- आईपीओ के बाद, स्टॉक निवेशकों को आवंटित किए जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (listing) किए जाते हैं।
- उदाहरण के लिए, बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) या एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर स्टॉक सूचीबद्ध होते हैं।
6. स्टॉक का व्यापार
- स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक का व्यापार (trading) शुरू होता है, जहां निवेशक स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं।
- स्टॉक का मूल्य बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलता रहता है।
स्टॉक (Stock) निवेश के फायदे
स्टॉक में निवेश करने के कई फायदे होते हैं जो इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। यहाँ स्टॉक निवेश के मुख्य लाभ दिए गए हैं:
- उच्च रिटर्न की संभावना:
- स्टॉक में निवेश करने से अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में दीर्घकालिक में उच्च रिटर्न प्राप्त करने की संभावना होती है। इतिहास में कई स्टॉक्स ने निवेशकों को शानदार रिटर्न प्रदान किए हैं।
- संपत्ति निर्माण:
- समय के साथ स्टॉक में निवेश करने से संपत्ति का निर्माण होता है। नियमित और अनुशासित निवेश से आपके पोर्टफोलियो में वृद्धि हो सकती है।
- लिक्विडिटी:
- स्टॉक को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे निवेशक को तत्काल नकदी की उपलब्धता होती है। स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार करने से आपको जरूरत पड़ने पर जल्दी पैसा निकालने की सुविधा मिलती है।
- स्वामित्व का अधिकार:
- स्टॉक खरीदने से आप कंपनी के स्वामित्व का हिस्सा बन जाते हैं और कंपनी के मुनाफे और संपत्तियों का हिस्सा आपको मिलता है।
- लाभांश:
- कई कंपनियाँ अपने मुनाफे का हिस्सा शेयरधारकों को लाभांश के रूप में देती हैं। इससे आपको नियमित आय प्राप्त हो सकती है।
- विविधीकरण:
- स्टॉक पोर्टफोलियो में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स को शामिल करके जोखिम को कम किया जा सकता है। विविधीकरण से संभावित नुकसान को संतुलित करने में मदद मिलती है।
- बाजार की वृद्धि का लाभ:
- जब अर्थव्यवस्था और कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा होता है, तो स्टॉक की कीमतें बढ़ती हैं, जिससे आपके निवेश का मूल्य भी बढ़ता है।
- मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा:
- स्टॉक्स में निवेश करने से मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा मिलती है, क्योंकि समय के साथ स्टॉक्स की कीमतें बढ़ती हैं और आपके निवेश का मूल्य बनाए रखती हैं।
- नए अवसरों का लाभ:
- नवोन्मेषी और तेजी से बढ़ती कंपनियों में निवेश करके, निवेशक नए अवसरों का लाभ उठा सकते हैं और उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
- टैक्स लाभ:
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर टैक्स की दरें अपेक्षाकृत कम होती हैं, जिससे निवेशकों को टैक्स की बचत हो सकती है।
स्टॉक निवेश करने से आपको दीर्घकालिक में अच्छा रिटर्न प्राप्त करने का अवसर मिलता है और आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। हालांकि, किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना और स्वयं शोध करना महत्वपूर्ण है।
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स्टॉक (Stock) निवेश के नुकसान
स्टॉक (Stock) निवेश के कई फायदे होते हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं जिन्हें निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए। यहाँ स्टॉक निवेश के मुख्य नुकसान दिए गए हैं:
- बाजार जोखिम:
- स्टॉक (Stock) की कीमतें बाजार की अस्थिरता और आर्थिक परिस्थितियों से प्रभावित होती हैं। बाजार में गिरावट के समय आपके निवेश की वैल्यू कम हो सकती है।
- कंपनी का प्रदर्शन:
- अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब होता है या कंपनी घाटे में जाती है, तो स्टॉक की कीमत में भारी गिरावट हो सकती है और निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- लिक्विडिटी का संकट:
- कुछ स्टॉक में लिक्विडिटी की कमी हो सकती है, खासकर छोटे और मिड-कैप कंपनियों के स्टॉक्स में। इसे खरीदने और बेचने में कठिनाई हो सकती है।
- भावनात्मक निवेश:
- बाजार की अस्थिरता और भावनात्मक निवेश निर्णय निवेशकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। घबराहट में स्टॉक बेचने से नुकसान हो सकता है।
- लाभांश की अनिश्चितता:
- सभी कंपनियाँ नियमित रूप से लाभांश नहीं देती हैं। लाभांश की नियमितता और राशि कंपनी की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है।
- अन्य निवेश विकल्पों से तुलना:
- स्टॉक में निवेश उच्च जोखिम के साथ आता है, और इसकी तुलना में कुछ अन्य निवेश विकल्प जैसे कि बांड्स, फिक्स्ड डिपॉज़िट्स आदि सुरक्षित हो सकते हैं।
- फीस और कमीशन:
- स्टॉक ट्रेडिंग पर ब्रोकरेज फीस और कमीशन खर्च होते हैं, जो निवेशकों के कुल रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
- समय और ज्ञान की आवश्यकता:
- स्टॉक में सफलतापूर्वक निवेश करने के लिए बाजार और कंपनियों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए समय और मेहनत की आवश्यकता होती है।
- मूल्यह्रास जोखिम:
- कंपनियों के खराब प्रबंधन, आर्थिक संकट, या अन्य नकारात्मक कारकों के कारण स्टॉक की कीमत में भारी गिरावट हो सकती है।
- कराधान:
- स्टॉक निवेश पर कर का भार भी होता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर उच्च कर लग सकता है।
इन जोखिमों के बावजूद, स्टॉक निवेश दीर्घकालिक में अच्छा रिटर्न देने का क्षमता रखता है। निवेश करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना और अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।
कंपनियाँ शेयर (Stock) क्यों आवंटित करती हैं?
कंपनियाँ शेयर आवंटित करने के कई कारण होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- पूंजी जुटाना (Capital Raising):
- जब किसी कंपनी को अपने व्यवसाय के विस्तार, नए परियोजनाओं को शुरू करने, या ऋण चुकाने के लिए धन की आवश्यकता होती है, तो वह सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करके पूंजी जुटा सकती है। निवेशक कंपनी के शेयर खरीदते हैं, और इसके बदले में कंपनी को धन प्राप्त होता है।
- व्यवसाय का विस्तार (Business Expansion):
- शेयर जारी करके जुटाई गई पूंजी का उपयोग कंपनी अपने व्यवसाय के विस्तार, नए उत्पादों के विकास, और नई बाजारों में प्रवेश के लिए कर सकती है। इससे कंपनी की आय और मुनाफे में वृद्धि होती है।
- ऋण कम करना (Reducing Debt):
- कुछ कंपनियाँ शेयर जारी करके जुटाई गई पूंजी का उपयोग अपने ऋण को कम करने के लिए करती हैं। इससे उनके वित्तीय संतुलन में सुधार होता है और वित्तीय लागतों में कमी आती है।
- नवोन्मेष और अनुसंधान (Innovation and Research):
- कंपनियाँ नई तकनीकों और नवोन्मेषी उत्पादों के विकास के लिए अनुसंधान और विकास (R&D) पर खर्च करती हैं। शेयर जारी करके जुटाई गई पूंजी का उपयोग इन गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
- प्रतिष्ठा और विश्वास (Reputation and Trust):
- शेयर बाजार में सूचीबद्ध (listed) होने से कंपनी की प्रतिष्ठा और ब्रांड वैल्यू में वृद्धि होती है। यह निवेशकों और ग्राहकों के बीच विश्वास बढ़ाता है।
- प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करना (Attracting Talented Employees):
- कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को शेयर विकल्प (stock options) प्रदान कर सकती हैं, जिससे उन्हें कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है। इससे कंपनी प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित कर सकती है और उन्हें बनाए रख सकती है।
- वित्तीय स्थिरता (Financial Stability):
- शेयर जारी करने से कंपनी की वित्तीय स्थिरता में वृद्धि होती है और उसे विपरीत आर्थिक परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलती है।
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स्टॉक्स (Stock) के प्रकार
स्टॉक्स को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ स्टॉक्स के कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:0
1. सामान्य स्टॉक (Common Stock)
- यह सबसे आम प्रकार का स्टॉक है और यह शेयरधारकों को कंपनी की लाभांश और वोटिंग अधिकार प्रदान करता है।
- आमतौर पर सामान्य स्टॉक के धारक कंपनी के लाभ और हानि के समान रूप से भागीदार होते हैं।
2. प्राथमिक स्टॉक (Preferred Stock)
- प्राथमिक स्टॉक के धारकों को सामान्य स्टॉक धारकों की तुलना में लाभांश पर प्राथमिकता मिलती है।
- प्राथमिक स्टॉक धारकों को आमतौर पर वोटिंग अधिकार नहीं होते हैं, लेकिन वे कंपनी के परिसमापन (liquidation) के समय पहले भुगतान के पात्र होते हैं।
3. ब्लू-चिप स्टॉक (Blue-Chip Stock)
- ब्लू-चिप स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जो बड़ी, प्रतिष्ठित, और वित्तीय रूप से स्थिर कंपनियों के होते हैं।
- ये स्टॉक्स दीर्घकालिक में स्थिर रिटर्न प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं और इनमें जोखिम कम होता है।
4. पेननी स्टॉक (Penny Stock)
- पेननी स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जिनकी कीमतें बहुत कम होती हैं और वे छोटी कंपनियों के होते हैं।
- इन स्टॉक्स में उच्च जोखिम होता है लेकिन संभावित रूप से उच्च रिटर्न भी हो सकता है।
5. ग्रोथ स्टॉक (Growth Stock)
- ग्रोथ स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जिनकी कंपनियाँ अपेक्षित रूप से उच्च वृद्धि दर का अनुभव कर रही होती हैं।
- ये स्टॉक्स आमतौर पर लाभांश नहीं प्रदान करते हैं और उनकी आय को पुन: निवेश में उपयोग करते हैं।
6. वैल्यू स्टॉक (Value Stock)
- वैल्यू स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जिनकी बाजार मूल्यांकन कम होती है लेकिन उनकी वास्तविक आंतरिक मूल्यांकन अधिक होती है।
- ये स्टॉक्स आमतौर पर स्थिर और आकर्षक लाभांश प्रदान करते हैं।
7. डिविडेंड स्टॉक (Dividend Stock)
- डिविडेंड स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जो नियमित लाभांश प्रदान करते हैं।
- ये स्टॉक्स उन निवेशकों के लिए आकर्षक होते हैं जो स्थिर आय की तलाश में होते हैं।
8. साइकलिकल स्टॉक (Cyclical Stock)
- साइकलिकल स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जिनकी मूल्यें आर्थिक चक्रों के साथ बदलती हैं।
- उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल और निर्माण कंपनियों के स्टॉक्स साइकलिकल स्टॉक्स हो सकते हैं।
9. डिफेंसिव स्टॉक (Defensive Stock)
- डिफेंसिव स्टॉक्स वे स्टॉक्स होते हैं जो आर्थिक मंदी के समय में भी स्थिर रहते हैं।
- ये स्टॉक्स आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कंपनियों के होते हैं, जैसे कि खाद्य और स्वास्थ्य सेवाएँ।
इन विभिन्न प्रकार के स्टॉक्स के ज्ञान से आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को बेहतर ढंग से विविधीकरण कर सकते हैं और अपनी निवेश रणनीति को अधिक सुदृढ़ बना सकते हैं।
स्टॉक (Stock) में निवेश कैसे करें?
स्टॉक में निवेश करना एक अच्छा तरीका हो सकता है दीर्घकालिक धन सृजन के लिए, लेकिन इसे सही तरीके से करना महत्वपूर्ण है। यहाँ स्टॉक में निवेश करने के लिए आवश्यक कदम दिए गए हैं:
1. वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करें
- अपने वित्तीय लक्ष्यों और निवेश अवधि को स्पष्ट करें। यह आपको सही निवेश रणनीति और स्टॉक्स चुनने में मदद करेगा।
2. बुनियादी ज्ञान प्राप्त करें
- स्टॉक मार्केट की मूलभूत जानकारी प्राप्त करें। यह जानें कि स्टॉक क्या हैं, कैसे काम करते हैं, और विभिन्न प्रकार के स्टॉक्स के बीच अंतर।
3. सही ब्रोकर चुनें
- एक भरोसेमंद और प्रतिष्ठित स्टॉक ब्रोकर का चयन करें। आप ऑनलाइन ब्रोकर या पारंपरिक ब्रोकर चुन सकते हैं।
- ब्रोकर चुनते समय उनकी फीस, सेवाएँ, और प्लेटफ़ॉर्म की उपयोगिता को ध्यान में रखें।
4. ब्रोकर खाता खोलें
- अपने चुने हुए ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता खोलें। डीमैट खाता आपके स्टॉक्स को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रखने के लिए होता है।
5. आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें
- केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करें और आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, और पते का प्रमाण जमा करें।
6. निवेश रणनीति तय करें
- अपने निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहिष्णुता, और समय अवधि के अनुसार निवेश रणनीति तय करें। विविधीकरण (diversification) पर ध्यान दें ताकि जोखिम को कम किया जा सके।
7. स्टॉक्स का चयन करें
- विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स का विश्लेषण करें और उन स्टॉक्स का चयन करें जो आपके निवेश लक्ष्यों और रणनीति के अनुरूप हों।
- कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, भविष्य की संभावनाओं, और उद्योग की स्थिति का मूल्यांकन करें।
8. निवेश करना शुरू करें
- अपने ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक्स खरीदें। छोटी राशि से शुरुआत करें और समय के साथ अपने निवेश को बढ़ाएं।
9. नियमित निगरानी और समीक्षा करें
- अपने निवेश की नियमित निगरानी करें और आवश्यकतानुसार अपनी रणनीति में समायोजन करें।
- आर्थिक समाचारों और कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट्स को ध्यान में रखें।
10. धैर्य और अनुशासन बनाए रखें
- स्टॉक मार्केट में धैर्य और अनुशासन महत्वपूर्ण हैं। बाजार की अस्थिरता से घबराने के बजाय लंबी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान दें।
स्टॉक (Stock) उदाहरण
मान लीजिए, आप एक कंपनी के स्टॉक खरीदते हैं। यहाँ एक उदाहरण के माध्यम से स्टॉक निवेश को समझा जा सकता है:
उदाहरण: TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) का स्टॉक
- स्टॉक खरीदना:
- आपने TCS के 10 शेयर खरीदे, जब प्रति शेयर की कीमत ₹3,000 थी।
- कुल निवेश = 10 शेयर * ₹3,000 = ₹30,000
- लाभांश प्राप्ति:
- मान लीजिए, TCS ने उस वर्ष ₹50 प्रति शेयर का लाभांश घोषित किया।
- कुल लाभांश = 10 शेयर * ₹50 = ₹500
- स्टॉक मूल्य वृद्धि:
- एक वर्ष बाद, TCS का प्रति शेयर मूल्य ₹3,500 हो गया।
- आपके पास 10 शेयर हैं, तो उनके कुल मूल्य = 10 शेयर * ₹3,500 = ₹35,000
- पूंजी की सराहना:
- आपके निवेश की कीमत बढ़कर ₹35,000 हो गई, जबकि आपने ₹30,000 निवेश किए थे।
- मूल्य वृद्धि = ₹35,000 – ₹30,000 = ₹5,000
स्टॉक (Stock) निवेश का समग्र लाभ:
- मूल्य वृद्धि से लाभ = ₹5,000
- लाभांश से प्राप्त राशि = ₹500
- कुल लाभ = ₹5,000 + ₹500 = ₹5,500
आपने ₹30,000 का निवेश किया और एक वर्ष के बाद ₹5,500 का लाभ कमाया, जिससे आपके कुल निवेश का मूल्य ₹35,500 हो गया।
यह सिर्फ एक सरल उदाहरण है जो यह दिखाता है कि स्टॉक निवेश कैसे काम करता है और इसके संभावित लाभ कैसे हो सकते हैं।
स्टॉक (Stock) निवेश से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. स्टॉक क्या है?
- स्टॉक (या शेयर) किसी कंपनी में स्वामित्व का हिस्सा होता है। जब आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं।
2. स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
- स्टॉक (Stock) एक्सचेंज एक बाजार है जहां निवेशक स्टॉक्स और अन्य वित्तीय साधनों का व्यापार कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)।
3. मैं स्टॉक (Stock) कैसे खरीद सकता हूँ?
- स्टॉक खरीदने के लिए आपको एक स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से एक ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता खोलना होगा। उसके बाद, आप ब्रोकर के प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से स्टॉक्स खरीद सकते हैं।
4. स्टॉक (Stock) में निवेश करने के क्या फायदे हैं?
- उच्च रिटर्न की संभावना, संपत्ति निर्माण, लिक्विडिटी, स्वामित्व का अधिकार, लाभांश प्राप्ति, और मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा।
5. स्टॉक (Stock) में निवेश करने के क्या नुकसान हैं?
- बाजार जोखिम, कंपनी का खराब प्रदर्शन, लिक्विडिटी का संकट, भावनात्मक निवेश, लाभांश की अनिश्चितता, और अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में उच्च जोखिम।
6. मैं कितनी राशि से स्टॉक (Stock) निवेश शुरू कर सकता हूँ?
- आप छोटी राशि से भी स्टॉक निवेश शुरू कर सकते हैं। कई ब्रोकर न्यूनतम राशि के साथ ट्रेडिंग खाता खोलने की अनुमति देते हैं।
7. स्टॉक मूल्य कैसे निर्धारित होता है?
- स्टॉक का मूल्य बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होता है। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, उद्योग की स्थिति, और आर्थिक समाचार भी स्टॉक मूल्य को प्रभावित करते हैं।
8. क्या मुझे स्टॉक निवेश के लिए किसी वित्तीय सलाहकार की आवश्यकता है?
- यदि आप स्टॉक निवेश के लिए नए हैं या जटिल निवेश निर्णय लेने में सहायता चाहते हैं, तो एक वित्तीय सलाहकार की सहायता लेना लाभदायक हो सकता है।
9. क्या स्टॉक में निवेश पर कर (Tax) लगता है?
- हाँ, स्टॉक निवेश पर कर लगता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कर दरें अलग-अलग होती हैं।
10. मैं अपने स्टॉक निवेश की निगरानी कैसे कर सकता हूँ?
– आप अपने ब्रोकर के ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, मोबाइल ऐप, या ट्रेडिंग पोर्टल के माध्यम से अपने स्टॉक निवेश की निगरानी कर सकते हैं। नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
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